चालाक बंदर और दो बिल्लियाँ | Best short moral story for kids in hindi

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चालाक बंदर और दो बिल्लियाँ – रोचक नैतिक कहानियाँ

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चालाक बंदर और दो बिल्लियाँ | Best short moral story for kids in hindi

दो बिल्लियाँ आपस में बहुत अच्छी दोस्त थी। वे एक साथ खेलती, बाते करती तथा भोजन की तलाश में जाया करती थी।

एक दिन भोजन की तलाश में काफी देर तक भटकने के बाद सिर्फ उन्हे एक रोटी ही दिखाई दी जिस पर एक बिल्ली ने झपट्टा मारा और खाने के लिए मुँह में डालने ही जा रही थी।

तभी दूसरी बिल्ली उसे टोककर बोलती है “अरे! तुम अकेले कैसे इस रोटी को खा सकती हो? हम दोनों ने साथ में ही इस रोटी को देखा है इसलिए हमें इसे बाँटकर खाना चाहिए।

पहली बिल्ली ने यह सुनकर रोटी एक टुकड़ा तोड़कर दूसरी बिल्ली को दिया लेकिन वह टुकड़ा छोटा था जिसे देखकर उसे बुरा लगा और उसने कहा “यह टुकड़ा तो काफी छोटा है तुम मेरे साथ बेइमानी कर रही हो, तुम्हें रोटी के बराबर टुकड़े करने चाहिए।

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इस बात पर दोनो में बहस हो गई और झगड़ा होने लगा। उसी समय वहां से मोनू बंदर गुजर रहा था। मोनू बंदर ने दोनों के लड़ने का कारण पूछा तो उन्होने सब कुछ बता दिया।

मोनू बंदर बोला “इस बात पर लड़ने की जरूरत नहीं है तुम कहो तो मेरे पास एक तराजू है जिससे मै इस रोटी को दो बराबर हिस्सों में बाँट दूँ।”

बिल्लियां मान गयी, बंदर ने तराजू निकाला और एक एक टुकड़ा दोनो ओर रख दिया। भूखी बिल्लियाँ बड़ी आस से देख रही थी।

बंदर ने जान बूझकर एक तरफ बड़ा टुकड़ा रखा और दूसरी तरफ छोटा। फिर बंदर बोला “अरे यह क्या? एक टुकड़ा दूसरे से बड़ा है, चलो मै इसको बराबर कर देता हूँ” यह कहकर वह रोटी के बड़े टुकड़े को तोड़कर खा लेता है।

फिर दूसरा टुकड़ा पहले से बड़ा हो जाता है तो बंदर उसे भी बराबर करने के लिए बड़े टुकड़े से कुछ हिस्सा तोड़कर खा लेता है। 

इस तरह यह सिलसला चल जाता है और बंदर बराबर करने के लिए बड़ी रोटी को थोड़ा तोड़कर खा लेता है। 

जब रोटी के बिल्कुल छोटे-छोटे टुकड़े बचते है तो बिल्लियाँ घबराकर कहती है “अरे बंदर भाई, तुम क्यो परेशान हो रहे हो लाओ इस रोटी को हम लोग आपस में ही बांट लेंगे।

बंदर बोला “ठीक है, लेकिन अब तक जो मेहनत मैने की है उसका मेहनताना तो लगेगा ही ना” इतना कहकर वह बचे हुए रोटी के टुकड़ो को भी खा जाता है।

बिल्लियाँ देखती रह जाती है अब उन्हे एहसास होता है कि हम दो के बीच की फूट  का लाभ तीसरा व्यक्ति उठा ले गया। उन्होने निर्णय किया कि अब से वह झगड़ा नही करेंगी और साथ में ही रहेंगी।