नमस्ते, दोस्तों आज हम एक, शार्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी साझा करने वाले है जिसमे की मेहनत के बारे एमे बताया गया है अगर आप भी इसी तरह की कहानी सर्च कर रहे है लेकिन आप को रोज एसी कहानिया नही मिलती है तो हम रोज इसी तरह की कहानिया हमेशा डालते है जिसे की आप भी दुंद रहे है, हिंदी में कहानिया MORAL STORIES IN HINDi, इसी तरह की hindi short story इसवेबसाइट रोज शेयर की जाती है |
कहानिया ही है जो की हमें अपनों से जोडती है अपने से छोटो को अछी सिख भी देती है अगर आप भी अपने घर के छोटों को इसी तरह की सिख देना चाहते है तो इस तरह की कहानी का उपयोग कर सकते है जिससे की बच्चों को अछी बातें सिखने को भी मिले और वे कुछ अछा कर भी सके |
रिश्तों की कदर करना ( Best short moral story in hindi)

राहुल अपनी पत्नी सीमा और अपनी माँ के साथ रहता था। गर्मियों की छुट्टी में राहुल की बुआ, फूफा अपने लड़के सोनू के साथ उनके घर रहने आये। घर आते ही फूफा जी राहुल से बोले की यहाँ तो बहुत गर्मी है।
घर में कोई AC नहीं है क्या? राहुल की माँ ने बोला भाईसाहब अभी कुछ दिन पहले ही राहुल ने अपने कमरे में AC लगवाया है। यह सुनते ही फूफा जी अपने बेटे से बोले की सारा सामान राहुल के कमरे में ले गए। राहुल और उसकी पत्नी सीमा चुप रहे क्योंकि उनने सोचा की कुछ दिनों की तो बात है।
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इस तरह बुआ, फूफा जी को राहुल के घर रहते 1 महीना हो गया। राहुल ने अपनी माँ से पूछा की बुआ जी कब जाने वाली है। हम कब तक ऐसे ही हॉल में सोकर अपना गुजारा करेंगे। राहुल की माँ बोली बेटा रिश्तेदारी का मामला है। हम कुछ कह भी तो नहीं सकते। राहुल की पत्नी सीमा बोली वह सब तो ठीक है लेकिन उनका छोटा लड़का सोनू सारा दिन घर में उधम करता रहता है।
कल तो उसने हमारा नया सोफा बुरी तरह फाड़ डाला। राहुल इस बात पर बहुत गुस्सा हुआ की नया सोफ़ा फाड़ दिया। वह अपनी पत्नी से बोला तुम सोनू को ऐसा करने से रोकती क्यों नहीं। सीमा बोली जब से बुआ, फूफा जी आये है। कुछ कुछ खाने की डिमांड करते है। जिससे मेरा और माँ जी का सारा दिन तो रसोई में ही बीत जाता है।
राहुल ने कहा की मै अभी जाकर फूफा जी से पूछता हूँ की वह आखिर कब जायेंगे। राहुल ने बातों बातों में फूफा जी से कहा की 1 महीना हो गया है। आपके जॉब की छुट्टियाँ तो खत्म हो गयी होंगी न।
फूफा जी बोले राहुल मैंने जॉब तो कब की छोड़ दी। अब तो मै बिज़नेस करता हूँ और अब मै इस शहर में भी कुछ बिज़नेस खोलने की सोच रहा हूँ। पहले इस शहर को अच्छे से समझ लूँ जिसमे 2-3 महीने तो लग ही जायेंगे।
यह सुनकर राहुल समझ गया की फूफा जी अभी जाने वाले नहीं है । उसने यह बात अपनी पत्नी और माँ को बताई। सीमा बोली जब घी सीधी ऊँगली से नहीं निकलता तो ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ती है।
इनके साथ भी कुछ ऐसा ही करना होगा। आप यह काम अब मुझ पर छोड़ दीजिये। उसी रात बुआ और फूफा जी छत पर थे। तभी उनका लड़का सोनू चिल्लाता हुआ उनके पास गया और बोला की मैंने अभी एक चुड़ैल को देखा है।
तभी एक चुड़ैल वहाँ आ गयी और बुआ और फूफा जी को बोली की तुम में से कौन पहले मेरा भोजन बनना चाहेगा। चुड़ैल को देखकर वह बहुत डर गए और उस घर से भाग गए। उनके जाने के बाद सीमा ने अपना चुड़ैल का मुखौटा उतारा।
बुआ के परिवार के जाने के बाद सबने चैन की सास ली। सीमा की सास ने सीमा से कहा की तू तो बड़ी अच्छी चुड़ैल बनती है। यह कहकर सब हॅसने लगे।
Moral of the Story
moral: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें किसी भी रिश्ते का ग़लत फायदा नहीं उठाना चाहिए। जिस तरह बुआ के परिवार ने अपनी रिश्तेदारी का ग़लत फायदा उठाया और दूसरों को परेशान किया।
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